झारखण्ड : किसानों को लेकर सरकार गंभीर है। झारखण्ड में कम बारिश चिंताजनक है। सरकार हरसंभव किसानों को राहत देने के लिए कृत संकल्पित है। यह बातें झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल पत्रलेख ने कही। उन्होंने कहा कि विभाग में उच्च पदों पर बैठे पदाधिकारियों को जिला स्तर पर जाकर मॉनिटर करने और किसानों की वर्तमान स्थिति का आकलन जमीनी स्तर पर करने की आवश्यकता है।इसे लेकर विभागीय सचिव अबूबकर सिद्दीक भी लगातार बैठक कर रहे हैं।
विभागीय सचिव ने 24 जिलों में मुख्यालय स्तर के पदाधिकारियों को मौके पर जाकर रिपोर्ट बनाने का निर्देश भी दे दिया है। उन्होंने निर्देश दिया है की तमाम पदाधिकारी अपने प्रतिनियुक्त जिला के उपायुक्त से संपर्क स्थापित कर जिले में अल्प वृष्टि के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों की जानकारी लें। सुखाड़ से प्रभावित प्रखंडों के सर्वाधिक प्रभावित गांव का रेंडमली चयन कर क्षेत्र भ्रमण करें। उन्होंने जिला जाने वाले पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अल्प वृष्टि से प्रभावित फसल क्षेत्रों का आकलन कर प्रतिवेदन 10 अगस्त से पहले दें।
श्री बादल पत्रलेख ने विशेष सचिव श्री राजेश सिंह को रांची, कृषि निदेशक निशा उरांव को खूंटी, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार श्री मृत्युंजय कुमार बरनवाल को रामगढ़, श्री मनोज कुमार को कोडरमा, श्री अंजनी कुमार को हजारीबाग, श्री प्रदीप कुमार हजारी को गोड्डा, श्री गोपाल तिवारी को पूर्वी सिंहभूम, श्री विधान चंद्र चौधरी को लोहरदगा, श्री राजकुमार गुप्ता को लातेहार, श्रीमती नयनतारा केरकेट्टा को गुमला, श्री नवीन कुमार को पश्चिमी सिंहभूम, श्री शशि प्रकाश झा को गढ़वा, श्री एच एन द्विवेदी को देवघर, श्री सुभाष सिंह को दुमका, श्री संतोष कुमार को बोकारो, श्री मुकेश कुमार सिन्हा को धनबाद, श्री फनेन्द्र नाथ त्रिपाठी को सरायकेला-खरसावां, श्री अजेस्वर प्रसाद सिंह को पलामू, श्री असीम रंजन एक्का को सिमडेगा, डॉ मनोज कुमार तिवारी को चतरा, श्री जय प्रकाश शर्मा को जामताड़ा, श्री कुमुद कुमार को साहेबगंज, श्री राकेश कुमार सिंह को पाकुड़ तथा श्री मनोज कुमार को गिरिडीह जाने के निर्देश दिए हैं।
राज्य में सुखाड़ की स्थिति को लेकर सरकार गंभीर है। कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा है कि किसानों को मदद के लिए सरकार कृतसंकल्पित है।
वहीं विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक ने कहा कि जिला स्तर के पदाधिकारी ग्राउंड जीरो से रिपोर्ट लेकर किसानों के राहत के लिए उचित कार्य योजना बनाने का काम करें, ताकि इससे हम अपने ‘बिरसा किसान भाइयों’ को सुनियोजित तरीके से लाभ पहुंचाने का काम कर सकें।