बोकारो में विस्थापितों का उग्र प्रदर्शन, बंद का व्यापक असर – नियुक्ति, मुआवजा और नियोजन की मांग, DGM हुए गिरफ्तार

बोकारो न्यूज: झारखंड के बोकारो स्टील सिटी में विस्थापितों का प्रदर्शन उग्र रूप ले चुका है। सुबह से ही बंदी का व्यापक असर देखा गया है। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं और बंद समर्थक सड़कों पर डटे हुए हैं, पूरे शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है।

प्रदर्शन कर रहे विस्थापितों की प्रमुख मांगों में अप्रेंटिस प्रशिक्षुओं को नियुक्ति, मृतक के परिजनों को मुआवजा, और घायलों को समुचित इलाज शामिल हैं। बीएसएल प्रबंधन ने इन मांगों पर सहमति जताते हुए घोषणा की है कि 21 दिनों के भीतर पद सृजित कर तीन माह के अंदर सभी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। घायलों को बीजीएच अस्पताल में मुफ्त इलाज और 10,000 रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा।

इस मामले में बीएसएल के उपमहाप्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है, अन्य मांगों को लेकर बीएसएल प्रबंधन और विस्थापितों के बीच हर महीने की 15 तारीख को जिला नियोजन पदाधिकारी एवं अपर समाहर्ता की उपस्थिति में बैठक कर अनुश्रवण किया जाएगा। उपायुक्त ने इन बिंदुओं के नियमित अनुपालन के लिए अपर समाहर्ता एवं अनुमंडल पदाधिकारी, चास को जिम्मेदारी सौंपी है।

इस बीच, धरना प्रदर्शन के दौरान सीआईएसएफ और विस्थापितों के बीच हुई झड़प में प्रेम कुमार महतो नामक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए उपायुक्त विजया जाधव ने इसकी विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी, चास सुश्री प्रांजल ढ़ांडा करेंगी। अन्य सदस्यों में नगर डीएसपी और कार्यपालक दंडाधिकारी जया कुमारी शामिल हैं।

उपायुक्त ने समिति को निर्देश दिया है कि वे घटना के समय बीएसएल प्रशासनिक भवन में लगे सीसीटीवी फुटेज, मीडिया से प्राप्त वीडियो और अन्य साक्ष्यों के आधार पर गहन जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

जिले की स्थिति को देखते हुए उपायुक्त विजया जाधव और पुलिस अधीक्षक मनोज स्वर्गियारी ने जिलेवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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