रांची: झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) के निदेशक डॉ. राजकुमार को पद से हटाने के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के फैसले पर झारखंड हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने स्वास्थ्य मंत्री के 17 अप्रैल 2025 के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के जरिए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की गई है।
क्या है पूरा मामला?
राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद 31 जनवरी 2024 को डॉ. राजकुमार को तीन वर्षों के लिए रिम्स निदेशक पद पर नियुक्त किया गया था। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने प्रशासनिक अक्षमता का हवाला देते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाने का आदेश जारी किया। मंत्री ने आरोप लगाया कि डॉ. राजकुमार ने कैबिनेट, शासी परिषद और विभागीय स्तर पर लोकहित में लिए गए निर्णयों का पालन नहीं किया था, जिससे रिम्स अधिनियम 2002 के उद्देश्यों की पूर्ति प्रभावित हुई।
स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स नियमावली 2002 के नियम-9 (vi) के तहत कार्यवाही करते हुए डॉ. राजकुमार को तीन महीने का वेतन और भत्ता देते हुए तत्काल प्रभाव से पद से हटाए जाने का आदेश दिया था। इस निर्णय पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त होने का भी दावा किया गया था।
हाईकोर्ट पहुंचे डॉ. राजकुमार
डॉ. राजकुमार ने इस आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने अपनी याचिका में दलील दी कि बिना पक्ष सुने उन्हें पद से हटाना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और रिम्स नियमावली का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से 17 अप्रैल के आदेश को निरस्त करने और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
अदालत का आदेश
सुनवाई के दौरान अदालत ने प्राथमिक दृष्टया पाया कि आदेश को चुनौती देने के लिए याचिका में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। इसके चलते अदालत ने तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से इस मामले में शपथ पत्र के माध्यम से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 6 मई 2025 को होगी।