ट्रॉराइबल क्रिकेटर रोबिन मिंज की IPL में हुई एंट्री, क्रिकेट जगत में भी अब झारखण्ड लहराएगा परचम

झारखंड, जो अब तक हॉकी और तीरंदाजी की धरती माना जाता था, अब क्रिकेट के मैदान में भी नए इतिहास लिख रहा है। एक तरफ महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज खिलाड़ी ने देश को गौरव दिलाया, वहीं अब राज्य का एक और चेहरा सुर्खियों में हैं—रॉबिन मिंज जिन्होंने IPL 2025 में डेब्यू किया है। वही आपको बता दे की ऐसे कम ही खिलाडी होते है जो आदिवासी पृष्ठभूमि से आते है और क्रिकेट की दुनिया में कदम रखते है लेकिन आज से 6 साल पहले भी झारखंड के एक तेज गेंदबाज वरुण ओरान ने भी आदिवासी खिलाडी होने की वजह से काफी सुर्ख़ियों में रहे थे।

गुमला जिले के छोटे से गांव सिलम पांदनटोली से आने वाले 22 वर्षीय रॉबिन मिंज ने IPL 2025 में डेब्यू कर लिया है। मुंबई इंडियंस ने उन्हें 65 लाख रुपये में खरीदा और CSK के खिलाफ मैच में उतारा। मैच में भले ही उनका स्कोर सिर्फ 3 रन रहा, लेकिन डेब्यू का मंच बेहद खास था—क्योंकि दूसरी ओर विकेट के पीछे खड़े थे खुद महेंद्र सिंह धोनी।

बचपन में खाना पकाने वाली लकड़ी को बैट बना कर खेल शुरू करने वाले रॉबिन, रांची में ट्रेनिंग लेकर आगे बढ़े। 2024 की नीलामी में गुजरात टाइटन्स ने उन्हें 3.6 करोड़ में खरीदा था, लेकिन दुर्भाग्यवश एक सड़क दुर्घटना के चलते वह सीजन से बाहर हो गए थे। लेकिन 2025 में उन्होंने दमदार वापसी की और IPL खेलने वाले आदिवासी क्रिकेटर बनकर इतिहास रच दिया।

रॉबिन को तकनीकी बल्लेबाज नहीं, बल्कि आक्रामक हिटर माना जाता है। उनका हेलिकॉप्टर शॉट काफी मशहूर है, और कई लोग उन्हें “झारखंड का गेल” भी कहने लगे हैं।

जहां एक ओर रॉबिन ने नई शुरुआत की, वहीं झारखंड के तेज़ गेंदबाज़ वरुण एरोन ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले चुके है। IPL में 150 किमी/घंटा की रफ्तार से गेंदबाज़ी करने वाले वरुण, दिल्ली, बैंगलोर और गुजरात जैसी टीमों से खेल चुके हैं। 2022 में उन्होंने गुजरात टाइटन्स को IPL ट्रॉफी दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी।

गौरतलब यह है की एक समय था जब झारखंड को खेलों में केवल हॉकी या आर्चरी से जोड़ा जाता था। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। महेंद्र सिंह धोनी के बाद राज्य से रॉबिन मिंज और वरुण एरोन जैसे खिलाड़ी क्रिकेट में नई पहचान गढ़ रहे हैं।

वही झारखंड के पिछड़े इलाके से निकलकर IPL के मंच तक पहुंचना, और वह भी आदिवासी पृष्ठभूमि से, सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का पल है।

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