
रामनवमी के अवसर पर झारखंड में शोभायात्राओं की सुरक्षा को लेकर एक नया और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को आदेश दिया है कि रामनवमी के दिन शोभायात्राओं के मार्गों पर बिजली आपूर्ति को कुछ समय के लिए रोका जाए, ताकि करंट लगने की घटनाओं से बचा जा सके। इस आदेश के बाद राज्य सरकार और बिजली वितरण कंपनियों ने एक विशेष फार्मूला तैयार किया है, जिसे लागू करने की योजना बनाई गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश खासतौर पर इसलिए दिया क्योंकि रामनवमी की शोभायात्राओं में बड़े-बड़े झंडे और ध्वज उठाए जाते हैं, जो हाई-टेंशन तारों के संपर्क में आ सकते हैं। इससे करंट लगने के कारण गंभीर हादसे हो सकते हैं, जो लोगों की जान को खतरे में डाल सकता हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि बिजली आपूर्ति को केवल शोभायात्रा के मार्गों पर ही काटा जाए, ताकि आम जनता की बिजली की आपूर्ति पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पतालों, चिकित्सा केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं की बिजली आपूर्ति पर कोई असर नहीं होना चाहिए।
झारखंड सरकार की तैयारी और कदम
झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद त्वरित कार्रवाई की योजना बनाई है। रांची शहर समेत राज्य के अन्य हिस्सों में निकलने वाली रामनवमी की शोभायात्राओं के मार्गों पर बिजली आपूर्ति को नियंत्रित किया जाएगा। विद्युत विभाग ने इस संबंध में एक विस्तृत योजना बनाई है, जिसमें शोभायात्रा के दौरान संभावित खतरे वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
विद्युत आपूर्ति अंचल रांची के विद्युत अधीक्षण अभियंता ने सभी रामनवमी पूजा समितियों से सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतने का आग्रह किया है। इन समितियों को यह सलाह दी गई है कि वे यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करें और कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाएं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली के तारों का संपर्क हो सकता है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राज्य सरकार के सभी विभागों और अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे रामनवमी के दौरान पूरी सतर्कता बरते और इस अवसर पर मैनपावर को पूरी तरह से सक्रिय किया जाए।
ध्वज की ऊंचाई पर भी ध्यान
सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ बिजली आपूर्ति पर ही नहीं, बल्कि शोभायात्राओं में इस्तेमाल होने वाले ध्वजों की ऊंचाई पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ध्वजों के कारण हाई-टेंशन तारों से संपर्क न हो और करंट लगने की घटनाएं न हों। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार और संबंधित विभाग इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी प्रकार का हादसा न हो।